अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण (Speech on international women's day)


नमस्कार दोस्तों आप सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

    यह दिन 8 मार्च महिलाओं को समर्पित है आज आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, खेल हर क्षेत्र में महिलाओं को उपलब्धियों से भरा हुआ है  किसी भी क्षेत्र में महिलाएं पीछे नहीं है यह 8 मार्च का दिन इन सभी उपलब्धियों को सलाम करने वाला दिन है इसके अलावा इस दिन का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाना है ताकि उनका हक मिल सके और पुरुषों के साथ कदम से कदम मिला कर चल सकें।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण, निबंध व स्पीच/आईडिया

  आदरणीय मुख्य अतिथि/प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक, मेरे शिक्षक और मेरे प्रिय साथियों.....

         आज आप सभी को ज्ञात है कि आज का दिन महिलाओं को समर्पित है हर वर्ष की भांति दुनिया में यह दिन 8 मार्च को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है विश्व की आधी आबादी को जश्न मनाने का दिन है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की थीम Women of tomrrow अर्थात (आने वाले कल की महिला) रखी गई है।

      अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सबसे पहले अमेरिका में सन् 1909 में मनाया गया था उस समय अमेरिका में महिलाओं ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के सामने आंदोलन किया था उसके बाद से यह दिवस मनाया जा रहा है।  बाद में सन् 1975 से संयुक्त राष्ट्र संघ ने अपनी थीम के साथ इसे मनाना शुरू किया।

       धरती से लेकर पाताल तक हर क्षेत्र के निर्माण में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान है महिलाएं बिजनेस, उद्यमी कार्यों और वेतनरहित श्रम के रूप में अर्थव्यवस्था में काफी बड़ा योगदान देती है।

   कॉर्पोरेट्स जगत की बात करें तो आज हर बड़े पद पर महिलाओं का वर्चस्व है भारत जैसे पुरुष प्रधान देश में भी महिलाओं ने अपने कौशल कार्य से अपनी अलग पहचान बनाई है और साथ ही मां, बहन, बेटी, पत्नी और दोस्त के रुप में अहम भूमिका निभाई है। भारत में अब महिलाएं आर्मी में भी जाने लगी है महिलाएं का घर के कार्यों में उनका योगदान बहुत बड़ा होता है क्योंकि इसमें अपने परिवार के लिए बिना किसी वेतन के हर समय कार्य करती रहती है।

    यह बात सही है कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही है लेकिन यह भी कड़वा सत्य  हैं कि आज भी कई जगह पर उन्हें लैंगिक असमानता, भेदभाव आदि झेलना पड़ता है, परिवार से लेकर सार्वजनिक स्थल पर कहीं भी उन्हें लैंगिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है। आज भी कन्या भ्रूण हत्या के मामले सामने आते हैं महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं ऐसे में हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि हम महिलाओं की स्थिति परिवार, समाज और सार्वजनिक स्थानों पर बेहतर बनाने को लेकर रहने का संकल्प लें ।

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