सदाबहार पौधे के उपयोग से गुण व अवगुण

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सदाबहार पौधे के उपयोग से गुण व अवगुण

सदाबहार(periwinkle)

वैज्ञानिक नाम :- कैथारंथस रोसीयस(catharanthus roseus) 
  
      आमतौर पर बाग बगीचों की शोभा बढ़ाने वाला पौधा सदाबहार है यह एक पुष्पी पौधा है जो एकवर्षीय या बहुवर्षीय पौधा होता है सदाबहार पौधे की अधिकतम ऊंचाई 1 मीटर होती है पौधों की पत्तियां हरी एवं चमकदार होती है सदाबहार पौधे के पुष्प बड़े ही मनमोहक होते है इन पौधों के पुष्प  गुलाबी, सफेद आदि रंग के  होते हैं  एक ही फल में कई बीज होते हैं आमतौर से सदाबहार को बागवानी हेतु बीज तथा कटिंग द्वारा तैयार किया जाता है 

पर्यावरण महत्व 

सदाबहार पौधे  होने से अपने आसपास हरियाली बनी रहती है और इसकी पत्तियां कसैली होने के कारण जानवर इसको खाना कम पसंद करते हैं इस पौधे के होने से आसपास जहरीले जानवर सांप बिच्छू आदि नहीं होते हैं इसकी पत्तियां मिट्टी में मिलने के कारण मिट्टी में हानिकारक पदार्थों को नष्ट करती है 

सदाबहार पौधे के लाभ 

  • डायबिटीज:- सदाबहार के उपयोग लेने से मधुमेह रोग का नियंत्रण कर सकते हैं 
  • रक्तचाप :- सदाबहार पौधों की जड़ों को पीसकर खाने से रक्तचाप  में आराम मिलता है 
  • फोड़े और फुंसी में 
  • कैंसर के उपचार में बवासीर के इलाज में 
  • मुहासे ठीक करने में 
  • खाज - खुजली में 

सदाबहार के नुकसान 

सदाबहार का उपयोग उचित मात्रा में लेना चाहिए। हमें इसके गलत परिणाम मिल सकते हैं इसके ज्यादा सेवन से मनुष्य को चक्कर,आना उल्टी,मितली आना, सिर दर्द, खून बहना, थकान आदि की समस्या हो सकती।

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