जानिए:- प्लास्टिक की बोतल पर दिए गए कोड़ का मतलब

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जानिए:- प्लास्टिक की बोतल पर दिए गए कोड़ का मतलब

आज भारत में सिंगल यूज़ प्लास्टिक को बंद कर दिया गया क्योंकि प्लास्टिक जितना अपने लिए सुविधाजनक है उतना ही खतरनाक है।

प्लास्टिक प्रदूषण मनुष्य और पर्यावरण को तेजी से नुकसान पहुंचा रहा है प्लास्टिक का उपयोग तो सुविधाजनक होता है लेकिन इसका निस्तारण करना बहुत कठिन कार्य है आजकल हम देखते हैं पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है जिसमें प्लास्टिक का अहम योगदान है जिससे यह प्लास्टिक विश्व के एक चिंता का विषय बन गया है प्लास्टिक बैग, बर्तनों और फर्नीचर के बढ़ते से इस्तेमाल की वजह से प्लास्टिक से प्रदूषण जैसी समस्या उत्पन्न हो गई है।


आजकल प्लास्टिक की बोतल, प्लास्टिक के कंटेनर की नीचे या बोतल के ढक्कन के अंदर की ओर एक खास कोड़ होता है जिसे कि उस कंटेनर या बोतल के उपयोग करने की समय सीमा और उपयोग करना हैं या नहीं करना के बारे में समझाया जाता है अगर हम इस कोड को अच्छी तरह से जान लेंगे तो हमारे जीवन में प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव से कुछ हद तक बचा जा सकता है 

प्लास्टिक से बने पात्र/बोतल/कंटेनर को बनाने के बाद से इस्तेमाल होने तक कई महीनों का समय लग जाता है और एक बार इस्तेमाल के बाद भी कहीं प्लास्टिक के बर्तनों को बहुत लंबे समय तक उपयोग करते रहते हैं जो की एक गंभीर बीमारी को बुलावा देते हैं।

हम आज इस लेख के द्वारा द्वारा आपको अवगत करा रहे हैं कि इन बोतलों में पानी या अन्य खाद्य पदार्थ को सुरक्षित रखने की अवधि कितनी है और प्लास्टिक की चीजों में रखी जाने वाली चीज हमारे लिए कितने समय तक नुकसान नहीं पहुंचा सकती है।


रेजिन आइडेंटिफिकेशन कोड (Resin Identification Code, RIC)

रेजिन का अर्थ होता है राल या पदार्थ। जिससे कि प्लास्टिक बना होता है प्लास्टिक कई प्रकार के पदार्थ या रेजिन से बना होता हैं।

प्लास्टिक के बने पात्रों के नीचे, या फिर ढक्कन के अंदर की ओर त्रिभुज बना होता है त्रिभुज के अंदर 1 से 7 अंक तक कोड होते हैं जिससे उसकी पहचान की जा सके। यह कोड प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी द्वारा दिए जाते हैं 

प्लास्टिक की बोतल को बनाने में कुछ टॉक्सिक/जहरीले रसायन का उपयोग होता है इन रसायन का उपयोग एक जैसा नहीं होता है इसलिए बोतल पर एक कोड दिया जाता है ताकि इसे देखकर बोतल के उपयोग करने का पता लग सके।

 कोड 1 से 7 का मतलब निम्न प्रकार है:-

कोड 1: PET (POLYETHENE TEREPHTHALATE)

  • इस प्रकार के प्लास्टिक PET रसायन से बने होते हैं 
  • इसको सिंगल यूज़ या यूज़ एण्ड थ्रो प्लास्टिक माना गया हैं।
  • इसका उपयोग लंबे समय तक नहीं करना चाहिए।

कोड 2: (high density polyethylene, HDPE) 

  • इस प्रकार के प्लास्टिक HDPE रसायन से बने होते हैं। ये प्लास्टिक सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाला प्लास्टिक हैं
  • प्लास्टिक बैग (किराना दूध), पानी और जूस के कंटेनर को बनाने में किया जाता है 
  • यह प्लास्टिक हार्मोनल समस्या पैदा करने वाला पदार्थ हैं जैसे नोनिलफेनोल स्रावित कर सकता है इसलिए इस प्लास्टिक को सूरज की रोशनी से बचाना चाहिए। 

कोड 3: (polyvinyl Chloride, PVC)

  • यह pvc रसायन के बने होते हैं 
  • इस प्लास्टिक से पाइप, शैंपू की बोतलें आदि बनाए जाते हैं

कोड 4:(Low density polyethylene, LDPE)

  • यह LDPE रसायन से बने होते हैं 
  • इस प्लास्टिक का उपयोग फिल्मों, पैकेजों, खाद्य ओर दवा उत्पादों की पैकिंग में उपयोग किया जाता है 
  • इसका उपयोग भंडारण के उद्देश्य से किया जाता है 
  • इनका रिसाइकल नहीं किया जा सकता 

कोड 5: (Polypropylene,PP)

  • दही का कप, कुछ पानी की बोतलें, दवा के कंटेनर आदि बनाए जाते हैं। 
  • यह गर्मी प्रतिरोधी होते हैं।
  • इसमें सामग्री के गुण नहीं बदलते हैं ।

कोड 6:(Polystyrene,PS) 

  • इनका उपयोग प्लेटस, अंडे के कार्टून, प्लास्टिक कप आदि में किया जाता हैं  
  • इसको गरम नहीं करना चाहिए क्योंकि गरम करने से नुकसानदायक होते हैं।
 

कोड 7: 

  • ऊपर दिए गए 1 से 6 तक कोड के अलावा जो प्लास्टिक होता है वह 7 में आता है ये प्लास्टिक नुकसानदायक होते हैं। इनका उपयोग खाद्य पदार्थों में नहीं करना चाहिए।

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